लेखनी प्रतियोगिता -01-Feb-2023 "ओस की बूँद"

ओस की बूँदों तुमने बस .. 

निश्चल हो कर जीना सिखा, 
परत नहीं अंदर अपने कोई रखी
बस पारदर्शिता पहिचान बना के रखना सिखा....!! 
ऐसी सीख हम भी कुछ उनसे पाएँ
हम भी सौम्य और निश्चल बन पाएँ,
नहीं छल और कपट की परत चड़ाये
आओ हम सब नीर के जैसे जीवन में ढल जाएं...!! 


अपराजिता....... 


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3 Comments

बेहतरीन

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अदिति झा

08-Feb-2023 10:38 AM

Nice 👌

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Abhinav ji

02-Feb-2023 08:57 AM

Very nice

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